आईपीएस डी रूपा ने कहा कि यह काफी दिलदहला देने वाला मामला है. अनानास में पटाखे भर कर ये लोग क्या करना चाहते थे. दर्द से परेशान और भूखी होने पर भी हथिनी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही कोई उत्पात मचाया. मुझे उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और दोषी को दंडित किया जाएगा.
पानी में खड़े-खड़े हुई गर्भवती हथिनी की मौतपानी में खड़े-खड़े हुई गर्भवती हथिनी की मौत
मामले की जांच में जुटे वन विभाग के अधिकारीविस्फोटकों भरा अनानास खाने से हथिनी की मौत
केरल में गर्भवती हथिनी को फल के नाम पर विस्फोटकों (पटाखे और अनार) से भरा हुआ अनानास खिलाने का मामला काफी सुर्खियों में है. लोग हथिनी की मौत से दुखी हैं और सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग अब तेज हो गई है. इस मामले को लेकर आईपीएस डी रूपा ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यह काफी दिलदहला देने वाला मामला है. पाइनएप्पल (अनानास) में पटाखे भर कर ये लोग क्या करना चाहते थे. दर्द से परेशान और भूखी होने पर भी हथिनी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही कोई उत्पात मचाया. मुझे उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और दोषी को दंडित किया जाएगा. वन्यजीव अधिकारियों का कहना है कि मौत के कारण का पता लगाया जा रहा है, साथ ही पूरे मामले की जांच जारी है.
बता दें, इस दर्दनाक घटना को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है. यह मामला सबके संज्ञान में तब आया जब केरल के अधिकारी ने भूखी गर्भवती हथिनी की मौत की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. उन्होंने लिखा कि एक भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई. जब हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी व्यक्ति ने विस्फोटकों से भरा हुआ अनानास उसे खिला दिया जिससे नदी में कई घंटे खड़े होने के बाद गर्भवती हाथिनी की मौत हो गई.
गर्भवती हाथिनी भोजन की तलाश में एक मलप्पुरम गांव में भटक गई थी. वहां कुछ स्थानीय लोगों ने उसे एक अनानास खिलाया जिसमें उन्होंने पटाखे छिपाए थे. हथिनी की दिलदहला इस घटना को सोशल मीडिया पर नीलाम्बुर के खंड वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने साझा किया है. उन्होंने बताया कि हाथिनी इतने दर्द में थी कि वह एक नदी में खड़े-खड़े मर गई.
कैसे हुई हथिनी की मौत?
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि हाथिनी भोजन की तलाश में गांव के इलाके में भटक गई थी. वहां कुछ स्थानीय लोगों ने उसे एक अनानास खिलाया, जिसमें उन्होंने पटाखे छिपाए हुए थे. जंगली सूअर को भगाने के लिए एक सामान्य रणनीति के तौर पर जाना जाता है. लेकिन जैसे ही हाथी ने फल खाया, पटाखे उसके मुंह में फट गए, जिससे उसे बहुत दर्द हुआ. दर्द में वह वेल्लियार नदी तक गई और राहत के लिए पानी में खड़ी हो गई.
उन्होंने आगे लिखा कि वह भोजन की तलाश में गांव पहुंच गई थी. वह स्वार्थी इंसानों के बारे में नहीं जानती थी. उसने सोचा होगा, वे उसे छोड़ देंगे क्योंकि वह दो जीवन जी रही थी. वह सभी को मानती थी. वन अधिकारी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि जब विस्फोट उसके मुंह में फट गया तो, वह खुद के बारे में नहीं सोचकर सदमे में रही होगी, वह अपने बच्चे के बारे में सोच रही होगी जिसके वह जन्म देने वाली थी.
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